भारत में च‍िकित्‍सा अनुसंधान और नवाचार पर खर्च बेहद कम

भारत में च‍िकित्‍सा अनुसंधान और नवाचार पर खर्च बेहद कम

सेहतराग टीम

‘इंडियन सोसाइटी फॉर क्लीनिकल रिसर्च’ (आईएससीआर) ने भारत में बढ़ते बीमारियों के बोझ और इनके इलाज में होने वाले खर्च को देखते हुए अनुसंधान एवं नवाचार में अधिक निवेश की मांग की है।

आईएससीआर के अध्यक्ष चिराग त्रिवेदी ने दिल्ली में आयोजित संस्थान के 12वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि आईएससीआर के सदस्यों के लिए नैदानिक अनुसंधान और इसके लाभों के बारे में जागरूकता की जरूरत है, ना केवल भाग लेने वाले रोगियों के लिए बल्कि समाज में भी।

उन्होंने कहा, ‘भारतीयों को प्रभावित करने वाले रोगों की बात करें तो इसके तरीके से लेकर प्रकृति तक में बदलाव आ रहा है। भारत में बढ़ती बीमारी के बोझ और उसके इलाज पर आने वाले खर्च को देखते हुए अनुसंधान और नवाचार में अधिक निवेश की तत्काल आवश्यकता है।’

आईएससीआर ने एक बयान में कहा कि हालिया आंकड़ों से संकेत मिलता है कि भारत में नैदानिक परीक्षणों की संख्या में गिरावट जारी है।

भारत में नैदानिक अनुसंधान कुछ वर्ष पहले 1.5 प्रतिशत थे जो अब 1.2 प्रतिशत हैं। यह आंकड़ा उस देश के लिए अपर्याप्त है, जिसमें दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी और सबसे ज्यादा बीमारी का बोझ है।

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